जागोरी - महिला उत्पीड़न कारण और निदान - मंजूलता' मंथन' भोपाल (मध्य प्रदेश) 'नेपथ्य' सामाजिक परिवर्तन का तुमुलनाद, सितम्बर 2019

जागोरी


         महिला उत्पीड़न कारण और निदान


 


हर रोज महिलाओं को थप्पड़ों, लातों, पिटाई, अपमान, धमकियों, यौन शोषण और अनेक अन्य हिंसात्मक घटनाओं का सामना करना पड़ता है। यहां तक कि उनके जीवन साथी या उसके परिवार के सदस्य उनकी हत्या कर देते हैं। इन सबके बावजूद हमें इस प्रकार की हिंसा के परे में अधिक पता नहीं चलता है क्योंकि शोषित व प्रताड़ित महिलाएं इसके बारे में चर्चा करने से घबराती, डरती व झिझकती हैं अनेक डॉक्टर्स, नर्से व स्वास्थ्य कर्मचारी हिंसा को एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या के रूप में पहचानने में चुक जाते हैं।


महिला को चोट पहुंचाने के लिए के पुरुष अनके बहाने दे सकता है जैसे कि-वह शराब के नशे में था; वह अपना आपा खो बैठा या फिर वह महिला इसी लायक है, परंतु वास्तविकता यह है कि वह हिंसा का रास्ता केवल इसलिए अपनाता है क्योंकि वह केवल इसी के माध्यम से वह सब प्राप्त कर सकता है जिन्हें वह एक मर्द होने के कारण अपना हक समझता है।


जब एक पुरुष का अपनी स्वयं की पत्नी की जिन्दगी पर काबू नहीं रहता है तो वह हिंसा का प्रयोग करके दूसरों की जिन्दगी पर नियंत्रण करने का कोशिश करता है। अगर कोई व्यक्ति सामान्य तरीकों का प्रयोग करके अपने जीवन को नियंत्रित करने का प्रयत्न करता है तो उसमें  कोई बुराई नहीं है परंतु यदि वह दूसरों के जीवन पर अपना नियंत्रण वह भी हिंसा का प्रयोग कर के बनाने की कोशिश करे तो वह सही नहीं है।


किसी कमजोर व्यक्ति के साथ हिंसा में लिप्त होकर एक पुरुष अपनी कुंठाओं से मुक्ति पाने का प्रयत्न करता है। वास्तविक परेशानी को पहचाने या कोई उसका कोई व्यवहारिक समाधान ढूंढने के बजाय, पुरुष हिंसा का सहारा लेकर असहमति को जल्दी से समाप्त करना चाहता है। किसी पुरुष को लड़ना बेहद रोमांचक लगता है और उससे उसे नई स्फूर्ति मिलती है वह इस रोमांच को बार बार पाना चाहता है। अगर कोई पुरुष हिंसा का प्रयोग करता है कि वह जीत गया है और अपनी बात मनवाने का प्रयत्न करता है हिंसा की शिकार, चोट व अपमान से बचने के लिए, अगली स्थिति में, उसका विरोध करने से बचती है। ऐसे में पुरुष को और भी शह मिलती है। पुरुष को मर्द होने के बारे में गलत धारणा है। अगर पुरुष यह मानता है कि मर्द होने का अर्थ है महिला के उपर पूरा नियंत्रण होना तो हो सकता है कि वह महिला के साथ हिंसा करने को भी उचित माने। कुछ पुरुष यह समझते हैं कि मर्द होने के कारण उन्हें कुछ चीजों का हक है जैसे कि अच्छी पत्नी, बेटों की प्राप्ति, परिवार के सारे फैसले करने का हक। पुरुष को लगता है कि महिला उसकी है या उसे वह चाहिए। यदि महिला सशक्त है तो पुरुष को यह लग सकता है कि वह उसे खो देगा या महिला को उसकी जरुरत नहीं है। वह कुछ ऐसे कार्य करगे जिससे महिला उस पर अधिक निर्भर हो जाए। उसे अन्य किसी और तरीके के व्यवहार करना आता ही नहीं है। अगर पुरुष ने अपने पिता या अन्य लोगों के तनाव व परेशानी की स्थिति में हिंसा का सहारा लेते हुए देखा है तो केवल ऐसा व्यवहार करना ही सही लगता है उसे कोई अन्य व्यवहार करना ही सही लगता है, उसे कोई अन्य व्यवहार का पता ही नहीं है।


जब गाली-गलौच वाला संबंध हिंसक बन जाता है, तो उसे छोड़ना और भी कठिन हो जाता है। जितने लंबे समय तक महिला ऐसे संबंध में रहती है, पुरुष का उस पर उतना ही नियंत्रण बढ़ता जाता है उसका आत्मविश्वास समाप्त होता जाता है। कुछ पुरुषों की अन्य पुरुषों की तुलना में व्यवहार अधिक हिंसक हो जाएगा। अगर आप इन लक्षणों को देखते हैं और अगर आपके पास इन संबंध से छुटकारा पाना संभव है तो ध्यान से सोचिए।


जब आप अन्य लोगों से मिलती है (आपके परिवार के सदस्य या मित्रगण) तो क्या वह ईर्ष्यापूर्ण  व्यवहार करता है या आप पर उससे झूठ बोलने का आरोप लगाता है ? अगर आप उसे ईर्ष्यापूर्ण व्यवहार को रोकने के लिये अपने व्यवहार में बदलाव लाती है तो इसका अर्थ है आप उसके नियंत्रण में हैं। क्या वह आपको, आपके परिवारजनों या मित्रों से मिलने तथा अपने कार्य स्वयं करने से रोकने का प्रयास करता है ? इससे कोई अंतर नहीं पड़ता है कि वह ऐसा करने के लिए क्या कारण देता है। इसका सीधा अर्थ है कि वह आपको अपने परिवारजनों तथा मित्रों का सहारा प्राप्त करने से रोक रहा है। अगर आपके पास कोई सहायता प्राप्त करने व कहीं जाने की जगह नहीं होगी तो उसे आपको प्रताड़ित करने में आसानी होगी। क्या वह दूसरे व्यक्तियों के सामने आपका अपमान करता है या मजाक उडाता है ? धीरे धीरे आप उसकी कही बातों पर विश्वास करने लगेंगी और आपको यह यकीन होने लगेगा कि अगर आपके साथ दुर्व्यवहार हो रहा है तो यह ठीक है व आप इसी योग्य हैं। जब उसे गुस्सा आता है तो वह क्या करता है? क्या वह चीजें तोड़ता या फेंकना शुरू कर देता है ? क्या गुस्से में उसने कभी आपको मारा पीटा है या ऐसा करने की धमकी दी है ? क्या कभी उसने किसी अन्य महिला पर हाथ उठाया है ? इन सबसे यह पता चलता है कि उसे अपने कर्मों पर नियंत्रण करने में कठिनाई होती है। क्या वह अध्यापकों, अपने सीनियरों या अपने पिता जैसे शक्तियुक्त लोगों के हाथों अपमानित महसूस करता है ? उसे यह एहसास हो सकता है कि वह शक्तिहीन या असहाय है ।अपनी इस हीन भावना पर काबू पाने के लिए वह अपने जीवन में मौजूद अन्य लोगों पर नियंत्रण करने के लिए हिंसा का सहारा ले सकता है। क्या वह ऐसा दावा करता है कि शराब, नशीली दवाएं या तनाव उसके हिंसात्मक व्यवहार के लिए जिम्मेवार है ? अगर वह किसी अन्य को अपने इस व्यवहार के लिए जिम्मेवार ठहराता है तो ऐसा कह सकता है कि जब उसे कोई नौकरी मिल जाएगी या वे किसी नए शहर में चले जाएंगे या वह नशीली दवाएं लेना बंद कर देगा तो स्थिति सुधर जाएगी। क्या वह अपने दुर्व्यवहार के लिए आपको या किसी अन्य को दोषी ठहराता है? क्या वह यह मानने से इंकार करता है कि कोई गलत कार्य कर रहा है ? अगर अपने गंदे व्यवहार के लिए वह आपको दोषी मानता है तो संभावना यह है कि वह अपने आपको बदल नहीं सकता है। हिंसा केवल महिलाओं को ही चोट नहीं पहुंचती है, यह उनके बच्चों व पूरे समाज को प्रभावित करती है, महिलाओं में, पुरुष की हिंसा के ये परिणाम हो सकते हैं। सामाजिक दबाव का प्रयोग करें ऐसे कौन से दबाव हैं जो आपके क्षेत्र में लोगों को गलत समझे जाने वाले कार्यों को करने से रोकते हैं ? कहीं पर पुलिस का डर होता है तो कहीं पर सेना, समझ के बुजुर्ग, परिवार या धर्म। अधिकतर स्थानों पर ये संयुक्त रूप से कार्य करते हैं। सामुदायिक नेताओं तथा नया पुरुषों को महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों तथा हिंसा के विरोध में बोलने तथा महिलाओं को पीटने वाले लोगों की निंदा करने के लिए प्रोत्साहित करें। महिलाओं का उत्पीडन रोकने के लिए उस जगह पर काम करने वाले दवाबों का प्रयोग करें। कुछ देशों में महिलाओं ने संगठित होकर ऐसे कानून लागु करवा दिए हैं जिनके द्वारा महिलाओं को उत्पीडित करने वाले पुरुषों को दंडित किया जा सकता है फिर भी, कानून हमेशा ही उत्पीड़ित महिलाओं की सहायता नहीं करता है। कहीं-कहीं कानूनों को ईमानदारी से लागू करने वालों पर पूर्णतया विश्वास नहीं किया जा सकता है। किंतु अगर आपके क्षेत्र में कानून तंत्र और पुलिस दोनों ही महिलाओं की सुरक्षा करने का लिए तत्पर हैं तो संबंधित कानूनों और महिलाओं के अधिकारों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करें। अपने बच्चों को हिंसा मुक्त जीवन गुज़ारने के लिए तैयार करने वाले तरीकों से पालें-पोसें। उन्हें अहिंसक तरीकों से समस्याओं का समाधान करना सिखाईए। उन्हें स्वयं का एक दुसरे का तथा अपने बड़ों का सम्मान करना सिखाईए। महिलाओं के विरुद्ध हिंसा रोकने के लिए स्वास्थ्य कर्मचारी एक अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं! केवल महिला के जख्मों की मरहम पट्टी करना ही काफी नहीं है। जब आप किसी महिला का परिक्षण करें तो उत्पीडन के लक्षणों को भी देखें। पुरुष अक्सर ही अपनी पत्नियों के साथ मार पीट करते हैं। हो सकता है कि इनके कोई लक्षण आपको बाहर से नजर न आयें। मार-पीट की शिकार महिला अपने कपड़ों से इन लक्षणों को छिपाने की कोशिश करती हैं स्वास्थ्य कर्मचारी होने के नाते आप ऐसे कुछ गिने-चुने लोगों में से हैं जो महिला के गुप्त अंगों को  देख पातें हैं।


अगर आपको कोई असामान्य निशान, धब्बे या जख्म नजर आये तो महिला से उनके होने का कारण पूछिए। अगर कोई महिला आपके पास दर्द, खून स्त्राव, टूटी हड्डियाँ या अन्य कोई चोट के साथ आये तो उससे पूछिए की क्या उसे पीटा गया है ? याद रखिए कि मार पीट की शिकार अनेक महिलाएं इस प्रकार की चोट व लक्षणों को “दुर्घटना" के कारण होना बताती है उसे आश्वासन दीजिए कि आप कोई ऐसा कार्य नहीं करेंगे जिसे वह नहीं चाहती हो।


हर चीज को लिख लें। जब आप हिंसा का शिकार हुई किसी महिला का परिक्षण करें तो मानव शरीर की एक आकृति कागज पर बनाएं तथा उस महिला के शरीर के अगले व पिछले भागों पर पाई गई चोटों को अकिंत करें। उस व्यक्ति का भी नाम लिखें जिसने उसे ये चोट पहुंचाई हैं। यह भी पता करने का प्रयत्न  करें कि क्या परिवार के किसी अन्य सदस्य, जैसे कि उसकी बहन या बच्चों, के साथ भी ऐसा हुआ है ? अगर उसको खतरा है तो उससे पूछे कि वह क्या करना चाहती है। चाहे वह घर छोड़ना चाहे अथवा नहीं, एक सुरक्षा योजना बनवाने में उसकी सहायता करें। अगर वह पुलिस सहायता प्राप्त करना चाहती हैं तो उसमें भी उसकी सहायता करें। आप यह सुनिश्चित करें कि पुलिस उसकी शिकायत को गंभीरता से ले। आप उन  उत्पीडित महिलाओं की  सामाजिक संस्थाओं तथा गैर सरकारी संस्थाओं से संपर्क बनाने में भी सहायता कर सकते हैं। एक साथ मिलकर, वे शायद उसकी समस्या का समाधान ढूंढने में सहायता कर सकें। आपके समुदाय या आस पड़ोस में उत्पीड़ित महिलाओं की सहायता के लिए संभावनाएं उपलब्ध हैं।